Artwork

Content provided by NL Charcha. All podcast content including episodes, graphics, and podcast descriptions are uploaded and provided directly by NL Charcha or their podcast platform partner. If you believe someone is using your copyrighted work without your permission, you can follow the process outlined here https://ro.player.fm/legal.
Player FM - Aplicație Podcast
Treceți offline cu aplicația Player FM !

एनएल चर्चा 277: मणिपुर में हिंसा और संसद में जारी गतिरोध के बीच अविश्वास प्रस्ताव का दांव

1:40:36
 
Distribuie
 

Manage episode 372540220 series 2504110
Content provided by NL Charcha. All podcast content including episodes, graphics, and podcast descriptions are uploaded and provided directly by NL Charcha or their podcast platform partner. If you believe someone is using your copyrighted work without your permission, you can follow the process outlined here https://ro.player.fm/legal.

इस हफ्ते चर्चा में बातचीत के मुख्य विषय मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध, विपक्ष द्वारा राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग, कांग्रेस पार्टी द्वारा लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का पूरे सत्र के लिए निलंबन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विपक्षी गठबंधन इंडिया पर तीखा हमला आदि रहे.


हफ्ते की बड़ी खबरों में पुरस्कार वापसी विवाद को लेकर संसदीय समिति का सरकार को दिया गया सुझाव भी रहा, जिसके मुताबिक पुरस्कार पाने वालों से अब ये हफलनामा लिया जाएगा कि वो राजनैतिक कारणों से अपना पुरस्कार वापस नहीं करेंगे. इसके अलावा मनरेगा में नामित 5 करोड़ से ज्यादा मजदूरों का जॉब कार्ड डिलीट, मणिपुर में आंशिक रूप से इंटरनेट सेवाओं की बहाली, मिजोरम से माइती समुदाय का पलायन, राजस्थान सरकार द्वारा अंशकालिक मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतू न्यूनतम आय गारंटी विधेयक आदि भी अहम मुद्दे रहे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा पांच सालों से जेल में बंद भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के दो आरोपितों वर्नन गोंजाल्विज़ और अरुण फरेरा को दी गई जमानत भी सुर्खियों में रही.


चर्चा में इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, न्यूज़लॉन्ड्री की कार्यकारी संपादक मनीषा पांडे, न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन और अवधेश कुमार शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.


पुरस्कार वापसी को लेकर हलफनामा दायर करवाने को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “मान लिया जाए कि जूरी ने किसी किताब को साल की सर्वश्रेष्ठ रचना मानते हुए साहित्य अकादमी अवॉर्ड के लिए चुना. इसके बाद लेखक ने पुरस्कार वापस नहीं करने वाले हलफनामे पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया. तो क्या वो पुस्तक सर्वश्रेष्ठ नहीं रहेगी, क्या फिर दूसरी पुस्तक को श्रेष्ठ पुरस्कार के लिए चुना जाएगा. यह तो साहित्य अकादमी पुरस्कार की मूल अवधारणा को ही छिन्न-भिन्न करता है?”


इसके जवाब में आनंद वर्धन कहते हैं, “सत्तारूढ़ पक्ष तो वहीं रहेगा लेकिन निरंतरता ये है कि मान लीजिए कि वर्तमान में जो राजनैतिक व्यवस्था है उससे आप सहमत नहीं हैं तो राजनीतिक विरोध के तौर पर कई लोग पुरस्कार स्वीकार भी नहीं करते हैं. लेकिन ये व्यवस्था लागू होने के बाद हालत यह हो जाएगी कि अगर सरकार बदल भी जाती है तो आप पुरस्कार वापस नहीं कर पाएंगे. जो भविष्य दिख नहीं रहा है उसके लिए भी एक प्रतिबद्धता की मांग है.”


पुरस्कारों को लेकर मनीषा पांडे, हृदयेश जोशी और अवधेश कुमार ने भी अपना नजरिया सामने रखा. जानने के लिए पूरा पॉडकास्ट सुनें.


टाइम कोड्स


00:00:00 - 00:08:00 - जरूरी सूचना व कुछ सुर्खियां


00:08:02 - 00:24:35 - पुरस्कार वापसी को लेकर हफनामे पर चर्चा


00:24:36 - 00:30:42 - हफ्तेभर की अन्य सुर्खियां


00:30:43 - 00:54:00 - मणिपुर को लेकर संसद में गतिरोध पर चर्चा


00:54:00 - 01:02:55 - अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा


01:02:57 - 01:06:20 - राज्सभा सांसद संजय सिंह के निलंबन पर चर्चा


01:06:22 - 01:32:40- सब्सक्राइबर्स के मेल

01:32:41 - सलाह और सुझाव



Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

  continue reading

308 episoade

Artwork
iconDistribuie
 
Manage episode 372540220 series 2504110
Content provided by NL Charcha. All podcast content including episodes, graphics, and podcast descriptions are uploaded and provided directly by NL Charcha or their podcast platform partner. If you believe someone is using your copyrighted work without your permission, you can follow the process outlined here https://ro.player.fm/legal.

इस हफ्ते चर्चा में बातचीत के मुख्य विषय मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध, विपक्ष द्वारा राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा की मांग, कांग्रेस पार्टी द्वारा लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का पूरे सत्र के लिए निलंबन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विपक्षी गठबंधन इंडिया पर तीखा हमला आदि रहे.


हफ्ते की बड़ी खबरों में पुरस्कार वापसी विवाद को लेकर संसदीय समिति का सरकार को दिया गया सुझाव भी रहा, जिसके मुताबिक पुरस्कार पाने वालों से अब ये हफलनामा लिया जाएगा कि वो राजनैतिक कारणों से अपना पुरस्कार वापस नहीं करेंगे. इसके अलावा मनरेगा में नामित 5 करोड़ से ज्यादा मजदूरों का जॉब कार्ड डिलीट, मणिपुर में आंशिक रूप से इंटरनेट सेवाओं की बहाली, मिजोरम से माइती समुदाय का पलायन, राजस्थान सरकार द्वारा अंशकालिक मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतू न्यूनतम आय गारंटी विधेयक आदि भी अहम मुद्दे रहे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा पांच सालों से जेल में बंद भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के दो आरोपितों वर्नन गोंजाल्विज़ और अरुण फरेरा को दी गई जमानत भी सुर्खियों में रही.


चर्चा में इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, न्यूज़लॉन्ड्री की कार्यकारी संपादक मनीषा पांडे, न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन और अवधेश कुमार शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.


पुरस्कार वापसी को लेकर हलफनामा दायर करवाने को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “मान लिया जाए कि जूरी ने किसी किताब को साल की सर्वश्रेष्ठ रचना मानते हुए साहित्य अकादमी अवॉर्ड के लिए चुना. इसके बाद लेखक ने पुरस्कार वापस नहीं करने वाले हलफनामे पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया. तो क्या वो पुस्तक सर्वश्रेष्ठ नहीं रहेगी, क्या फिर दूसरी पुस्तक को श्रेष्ठ पुरस्कार के लिए चुना जाएगा. यह तो साहित्य अकादमी पुरस्कार की मूल अवधारणा को ही छिन्न-भिन्न करता है?”


इसके जवाब में आनंद वर्धन कहते हैं, “सत्तारूढ़ पक्ष तो वहीं रहेगा लेकिन निरंतरता ये है कि मान लीजिए कि वर्तमान में जो राजनैतिक व्यवस्था है उससे आप सहमत नहीं हैं तो राजनीतिक विरोध के तौर पर कई लोग पुरस्कार स्वीकार भी नहीं करते हैं. लेकिन ये व्यवस्था लागू होने के बाद हालत यह हो जाएगी कि अगर सरकार बदल भी जाती है तो आप पुरस्कार वापस नहीं कर पाएंगे. जो भविष्य दिख नहीं रहा है उसके लिए भी एक प्रतिबद्धता की मांग है.”


पुरस्कारों को लेकर मनीषा पांडे, हृदयेश जोशी और अवधेश कुमार ने भी अपना नजरिया सामने रखा. जानने के लिए पूरा पॉडकास्ट सुनें.


टाइम कोड्स


00:00:00 - 00:08:00 - जरूरी सूचना व कुछ सुर्खियां


00:08:02 - 00:24:35 - पुरस्कार वापसी को लेकर हफनामे पर चर्चा


00:24:36 - 00:30:42 - हफ्तेभर की अन्य सुर्खियां


00:30:43 - 00:54:00 - मणिपुर को लेकर संसद में गतिरोध पर चर्चा


00:54:00 - 01:02:55 - अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा


01:02:57 - 01:06:20 - राज्सभा सांसद संजय सिंह के निलंबन पर चर्चा


01:06:22 - 01:32:40- सब्सक्राइबर्स के मेल

01:32:41 - सलाह और सुझाव



Hosted on Acast. See acast.com/privacy for more information.

  continue reading

308 episoade

Toate episoadele

×
 
Loading …

Bun venit la Player FM!

Player FM scanează web-ul pentru podcast-uri de înaltă calitate pentru a vă putea bucura acum. Este cea mai bună aplicație pentru podcast și funcționează pe Android, iPhone și pe web. Înscrieți-vă pentru a sincroniza abonamentele pe toate dispozitivele.

 

Ghid rapid de referință